नई दिल्ली। भारतीय टेलीकॉम सेक्टर के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष काफी शानदार रहने की उम्मीद है। एक ओर जहाँ डेटा की बढ़ती खपत के चलते कंपनियों के मुनाफे में भारी वृद्धि का अनुमान है, वहीं दूसरी ओर कर्ज में डूबी कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vi) को सरकार की ओर से एक बड़े राहत पैकेज की खबरें भी सामने आ रही हैं, जिससे कंपनी के शेयरों में जोरदार उछाल देखा गया।
सेक्टर में 12-14% वृद्धि का अनुमान
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में टेलीकॉम कंपनियों के परिचालन लाभ (Operating Profit) में 12-14 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि होने की संभावना है, जिससे यह 1.55 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष में टैरिफ बढ़ोतरी के कारण 17% की वृद्धि हुई थी, लेकिन इस साल यह वृद्धि डेटा खपत जैसे मजबूत आंतरिक कारकों पर आधारित होगी। यह विश्लेषण रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया पर आधारित है, जिनके पास कुल सब्सक्राइबर मार्केट का 93% हिस्सा है। 5G रोलआउट के बाद पूंजीगत व्यय में कमी आने से कंपनियों का फ्री कैश फ्लो भी बेहतर होगा, जिससे उनकी क्रेडिट प्रोफाइल को मजबूती मिलेगी।
डेटा की खपत और 5G से बढ़ेगी ARPU
क्रिसिल रेटिंग्स के एक निदेशक, आनंद कुलकर्णी के अनुसार, इस वृद्धि का मुख्य कारण प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (ARPU) में बढ़ोतरी है। ARPU पिछले वित्तीय वर्ष के 205 रुपये से बढ़कर इस साल 220-225 रुपये तक पहुँचने की उम्मीद है। इसका कारण डेटा की खपत में हो रही बढ़ोतरी है। देश में 5G नेटवर्क का विस्तार तेजी से हो रहा है और मार्च 2026 तक इसकी पहुंच 45-47% तक होने का अनुमान है, जो मार्च 2025 तक 35% थी। इसके चलते, प्रति उपयोगकर्ता डेटा की खपत भी पिछले साल के 27 GB से बढ़कर इस वित्तीय वर्ष में 31-32 GB हो सकती है। इसके अलावा, कंपनियां कम डेटा वाले प्लान हटा रही हैं और 5G सेवाओं को केवल अधिक डेटा वाले प्लान पर दे रही हैं, जिससे ग्राहक प्रीमियम प्लान की ओर बढ़ रहे हैं। ओवर-द-टॉप (OTT) सेवाओं के साथ बंडल किए गए प्लान भी ARPU बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
वोडाफोन आइडिया के लिए राहत पैकेज की तैयारी
एक तरफ जहाँ सेक्टर में तेजी है, वहीं वोडाफोन आइडिया अपनी वित्तीय चुनौतियों से जूझ रही है। लेकिन अब कंपनी के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा भेजे गए एक राहत प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यदि इसे मंजूरी मिल जाती है, तो वोडाफोन आइडिया पर समायोजित सकल राजस्व (AGR) का बकाया 83,400 करोड़ रुपये से घटकर 28,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है। प्रस्ताव में कंपनी को वैधानिक बकाया चुकाने के लिए दो साल की अतिरिक्त मोहलत, कम वार्षिक भुगतान और AGR भुगतान पर लगने वाले जुर्माने और ब्याज को माफ करने जैसे विकल्प शामिल हैं। वर्तमान में, वोडाफोन आइडिया पर सरकार का कुल बकाया लगभग 2 लाख करोड़ रुपये है और उसे मार्च 2025 से सालाना 18,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है।
शेयर बाजार में दिखा असर
इस राहत पैकेज की खबर आते ही शुक्रवार, 22 अगस्त को वोडाफोन आइडिया के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर लगभग 10% उछलकर 7.31 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया। हालांकि, दिन का कारोबार खत्म होने पर यह 7.18% की बढ़त के साथ 7.02 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वोडाफोन आइडिया का बने रहना भारतीय टेलीकॉम बाजार के लिए महत्वपूर्ण है, अन्यथा यह बाजार केवल दो प्रमुख कंपनियों, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के बीच सिमट कर रह जाएगा।