नई दिल्ली। उर्वरक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी, चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड, के शेयरों में आज मजबूती देखने को मिली। कंपनी का शेयर 7.06 रुपये (1.31%) की बढ़त के साथ 545.95 रुपये पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान, शेयर ने 546.95 रुपये का उच्च स्तर और 537.35 रुपये का निम्न स्तर छुआ। बाजार में कंपनी के प्रति निवेशकों का विश्वास बना हुआ है, जिसका प्रमाण इसके solide वित्तीय नतीजे हैं।

कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन

चंबल फर्टिलाइजर्स, जो 1985 में स्थापित एक मिड-कैप कंपनी है, का मौजूदा बाजार पूंजीकरण लगभग 21,881.63 करोड़ रुपये है। 30 जून, 2025 को समाप्त हुई तिमाही के लिए कंपनी ने शानदार वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं। कंपनी की समेकित बिक्री 5740.93 करोड़ रुपये रही, जो पिछली तिमाही के 2504.00 करोड़ रुपये की तुलना में 129.27% अधिक है। वहीं, पिछले साल की समान तिमाही की 4984.38 करोड़ रुपये की बिक्री के मुकाबले इसमें 15.18% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस नवीनतम तिमाही में कंपनी ने 512.77 करोड़ रुपये का कर-पश्चात शुद्ध मुनाफा कमाया है, जो कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाता है।

यूरिया की खपत कम करने पर सरकार का जोर

एक तरफ जहां कंपनी वित्तीय रूप से मजबूत दिख रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार रासायनिक उर्वरकों, विशेष रूप से यूरिया के उपयोग को कम करने के लिए नीतियां बना रही है, जिसका असर भविष्य में उद्योग पर पड़ सकता है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने यूरिया का उपयोग कम करने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन योजना की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यूरिया की प्रत्येक बोरी की बचत पर किसानों को 800 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह राशि सीधे पीएम प्रणाम योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी से किसानों को वितरित की जाएगी ताकि वे यूरिया का इस्तेमाल घटाने के लिए प्रोत्साहित हों।

स्वास्थ्य और निर्यात संबंधी चिंताएं

सोमवार को सचिवालय में कलेक्टरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से उत्पन्न खतरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हाल ही में चीन ने रासायनिक उर्वरकों की अधिकता का हवाला देते हुए भारत से मिर्च की खेप को खारिज कर दिया था। उन्होंने चेतावनी दी कि रसायनों, कीटनाशकों और यूरिया के अत्यधिक उपयोग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा, जहां कैंसर रोगियों के लिए विशेष ट्रेनें चलानी पड़ रही हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यूरिया के अत्यधिक उपयोग के कारण आंध्र प्रदेश कैंसर के मामलों में देश में पांचवें स्थान पर है। उन्होंने इस खतरनाक स्वास्थ्य खतरे के बारे में किसानों को शिक्षित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। यह सरकारी पहल चंबल फर्टिलाइजर्स जैसी कंपनियों के लिए एक संकेत है कि उन्हें भविष्य में वैकल्पिक और पर्यावरण-अनुकूल उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करना पड़ सकता है।