क्रिकेट के मैदान से आई दो अलग-अलग खबरें एशियाई क्रिकेट की बदलती तस्वीर को बयां कर रही हैं। एक तरफ भारतीय क्रिकेट टीम को 27 साल बाद श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेशी टीम ने अभी से 2027 वनडे विश्व कप के लिए अपनी कमर कसनी शुरू कर दी है।

श्रीलंका के खिलाफ 27 साल का रिकॉर्ड टूटा

कोलंबो में खेले गए तीसरे और निर्णायक वनडे मुकाबले में श्रीलंका ने भारत को 110 रनों के भारी अंतर से हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ ही मेजबान टीम ने तीन मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली। यह हार भारतीय क्रिकेट इतिहास में इसलिए भी दर्ज की जाएगी क्योंकि 1997 के बाद यह पहला मौका है जब भारत ने श्रीलंका के खिलाफ कोई द्विपक्षीय वनडे सीरीज गंवाई है।

साल 1997 में अर्जुन राणातुंगा की कप्तानी में श्रीलंका ने भारत को 3-0 से हराया था। उसके बाद से लगातार 11 बार भारत ने सीरीज जीती थी, लेकिन रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मौजूदा टीम इस सिलसिले को बरकरार रखने में नाकाम रही। टी20 सीरीज में 3-0 से मिली जीत के बाद वनडे में टीम इंडिया की यह लय पूरी तरह से पटरी से उतर गई।

बल्लेबाजों और गेंदबाजों का लचर प्रदर्शन

मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने अविष्का फर्नांडो की शानदार पारी की बदौलत 50 ओवर में 7 विकेट पर 248 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। फर्नांडो ने 102 गेंदों में 9 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 96 रन बनाए, जबकि कुसल मेंडिस ने 59 रनों का योगदान दिया।

जवाब में भारतीय बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। पूरी टीम महज 26.1 ओवर में 138 रन पर ढेर हो गई। भारतीय पारी की शुरुआत से ही लड़खड़ाहट साफ दिखाई दी। कप्तान रोहित शर्मा ने 20 गेंदों पर 35 रन बनाकर आक्रामक शुरुआत की, लेकिन उनके आउट होते ही विकेटों की झड़ी लग गई। ऋषभ पंत (6 रन), विराट कोहली (20 रन) और श्रेयस अय्यर (8 रन) जैसे दिग्गज बल्लेबाज दुनिथ वेलालागे की फिरकी में फंसते चले गए।

वेलालागे ने अपने करियर का यादगार प्रदर्शन करते हुए 5.1 ओवर में 27 रन देकर 5 विकेट झटके। उनके अलावा महेश तीक्ष्णा और जेफ्री वांडरसे ने दो-दो विकेट लेकर भारतीय मध्यक्रम और निचले क्रम की कमर तोड़ दी। वाशिंगटन सुंदर ने अंत में 30 रन बनाकर संघर्ष किया, लेकिन यह हार का अंतर कम करने के अलावा और कुछ नहीं कर सका।

बांग्लादेश का लक्ष्य: विश्व कप 2027 के लिए सीधा क्वालिफिकेशन

जहां एक तरफ भारतीय टीम इस हार के कारणों पर विचार कर रही है, वहीं पड़ोसी देश बांग्लादेश का ध्यान 2027 में दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया में होने वाले वनडे विश्व कप पर केंद्रित है। बांग्लादेश के वनडे कप्तान मेहदी हसन मिराज ने स्पष्ट किया है कि उनकी टीम का अगला बड़ा लक्ष्य विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई करना है।

आईसीसी वनडे रैंकिंग में शीर्ष आठ टीमें सीधे विश्व कप में जगह बनाएंगी, जबकि सह-मेजबान होने के नाते दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे को पहले ही प्रवेश मिल चुका है। फिलहाल बांग्लादेश रैंकिंग में 10वें स्थान पर है, जो उनके लिए चिंता का विषय है।

रैंकिंग सुधारने के लिए 2026 होगा अहम साल

मेहदी हसन मिराज ने माना कि 2025 में टीम ने ज्यादा वनडे मैच नहीं खेले, जिससे उनकी लय प्रभावित हुई। हालांकि, उन्होंने कहा कि 2026 उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण वर्ष होने वाला है, क्योंकि उस दौरान टीम को कई बैक-टू-बैक सीरीज खेलनी हैं। कप्तान का मानना है कि यदि वे रैंकिंग में शीर्ष आठ में जगह नहीं बना पाए, तो क्वालिफिकेशन की राह मुश्किल हो सकती है।

मिराज ने कहा, “हमारे लिए वर्तमान रैंकिंग बहुत मायने रखती है। विश्व कप से पहले टॉप-8 में बने रहना अनिवार्य है। टेस्ट और टी20 के साथ-साथ वनडे मैचों की अधिकता खिलाड़ियों को अपनी मानसिकता सेट करने में मदद करेगी।”

कप्तान की नई रणनीति और भूमिका

टीम के प्रदर्शन को सुधारने के लिए मेहदी हसन मिराज खुद एक बड़ी जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं। पिछले एक दशक से बांग्लादेशी टीम का हिस्सा रहे 28 वर्षीय मिराज ने अपने करियर में ओपनिंग से लेकर नंबर 9 तक बल्लेबाजी की है। लेकिन अब वह मध्यक्रम में, विशेषकर नंबर 6 पर अपनी जगह पक्की करना चाहते हैं।

मिराज का मानना है कि नंबर 6 की पोजीशन उन्हें विशेषज्ञ बल्लेबाजों और गेंदबाजों, दोनों के साथ खेलने का मौका देती है, जिससे मैच जीतने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा, “भले ही मैंने नंबर 4 पर रन बनाए हों, लेकिन उससे हम मैच नहीं जीत पाए। एक कप्तान के रूप में मेरे लिए जीत सबसे महत्वपूर्ण है। अगर मैं नंबर 6 पर 60-70 रन बनाता हूं और वह टीम की जीत में काम आता है, तो वह मेरे लिए ज्यादा संतोषजनक है।”

एशियाई क्रिकेट के लिहाज से यह समय बेहद नाजुक है, जहां एक दिग्गज टीम को अपने प्रदर्शन का पुनर्मूल्यांकन करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी उभरती हुई टीम अपने भविष्य को सुरक्षित करने की जद्दोजहद में लगी है।